हार्मोंस देकर करते थे गोरा, फिर लाखों में बेचते थे बच्चे, मुंबई के मानव तस्करी गैंग के खतरनाक खुलासे

मुंबई : 
बच्चे किसी भी रूप-रंग के हों, हर हाल खूबसूरत होते हैं। मगर, आरोप है कि कुछ लोग इंसानियत को शर्मसार करने वाले काम कर रहे हैं। ये लोग छोटे बच्चों को चुराकर उनके रंग-रूप को कृत्रिम तरीकों से बदलकर बेचने का काम करते हैं। मांटुगा पुलिस ने ऐसे एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह द्वारा तीन लड़कियों और दो लड़कों को 1.5 लाख से 3.8 लाख रुपये में बेचे जाने का खुलासा हुआ है। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरोह के लोग रंग और नैन नक्श के आधार पर बच्चों के दाम तय करते हैं। उन्हें जरूरतमंदों के हाथों बेच देते हैं। इसके लिए वे विभिन्न प्रकार के हॉर्मोंस का इस्तेमाल करते हैं, ताकि बच्चे बड़े और 'खूबसूरत' दिखाई दें।

निःसंतान लोगों को बेचते हैं बच्चे

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पकड़ी गईं नौ महिलाओं समेत दस आरोपियों के लिंक देशभर में होने वाले मानव तस्करी से मिले हैं। ये लोग न सिर्फ मानव तस्करी गिरोह के लिए काम करते हैं, बल्कि निःसंतान लोगों को खोजकर उन्हें चुराए गए बच्चे मुंहमांगे दामों पर बेच देते हैं। यहां तक कि पीड़ितों को वेश्यावृत्ति, भीख मांगने और अन्य शोषणकारी गतिविधियों को भी करने के लिए मजबूर करते हैं। लड़कियों को हॉर्मोंस के इंजेक्शन देकर उन्हें समय से पहले बड़ा कर बेच दिया जाता है। पुलिस को इन आरोपियों के पास से मानव तस्करी का शिकार बने बच्चों, किशोर-किशोरियों और वयस्कों की एक सूची मिली है, जिसकी जांच जारी है।